Patra Kitne Prakar Ke Hote Hai (पत्र कितने प्रकार के होते है)

नमस्कार दोस्तो आपका हमारे पोस्ट पर स्वागत है जहा आज आपको पत्र कितने प्रकार के होते है के बारे में जानकारी देने जा रहे है

यदि आप भी हिंदी विषय को पढ़ने में रुचि रखते है और अपना समय हिंदी भाषा के बारे के बारे में और अधिक जानने में देते है तब आप एक दम सही पोस्ट पर आए है जहा आप आपको Patra Kitne Ke Prakar Hote Hai के बारे में अच्छे से सीखने को मिलेगा।

यदि यह हिंदी की बात की जाए तो आज के समय में हिंदी हर कोई सीखना नही चाहता है अब इसे में यदि आप सच में एक हिंदीभाषी व्यक्ति है तब आपको हम आपको पूरी तरह से एक दम सही जानकारी देंगे। तो चलिए फिर इस पोस्ट को शुरू करते है और पत्र के प्रकारों के बारे में जानने की कोशिश करते हैं।

आज के समय हमारे पास इंटरनेट मौजूद है और इसी के साथ साथ मोबाइल के माध्यम से हम किसी भी व्यक्ति से बात कर सकते है । जहा पहले के समय की बात की जाए तो किसी दूर व्यक्ति से बात करने का केवल एक मात्र साधन पत्र ही था।

यदि आपको किसी व्यक्ति से बात करना चाहते है तब आपको उसे पत्र लिखना पढ़ता था और यदि आप पत्र लिख रहे है तो आपको जिस व्यक्ति को पत्र भेजना है उसका पूरा पता भी याद होना चाहिए था तभी जाकर आप उसे सही से पत्र भेज सकते है।

अब आपके मन में यह सवाल तो जरूर आया होगा कि आज के समय में जब हमारे पास संचार करने की इतने साधन मौजूद है उसके बाद भी हमें पत्र की आवश्यकता क्यों है तो इसका जवाब मैं आपको देना चाहता हूं आज भी आप को औपचारिक रूप से अपनी बात कहने के लिए पत्र लिखना पड़ता है।

Patra Kitne Prakar Ke Hote Hai

जैसे कि यदि मैं आपको यहां एक उदाहरण के माध्यम से समझाना चाहता हूं यदि आप किसी संस्था में अपनी बात पहुंचाना चाहते हैं तब आप वहां अपनी बात को पत्र के रूप में लिखकर पहुंचाते हैं तो आपकी बात को काफी सही तरह से लिया जाता है और यदि आपके द्वारा भेजी गई किसी तरह की कोई अर्जी है तब उसे भी स्वीकार कर लिया जाता है यदि वह माननीय हो।

आज के समय में भी यदि हम किसी भी तरह की कोई अपील करते हैं तब अपील करने के लिए हमें पत्र ही लिखना होता है क्योंकि पत्र का माध्यम एक ऐसा माध्यम है

जहां आप अपनी बात को लिखित रूप में प्रस्तुत करते हैं और यदि आप ई-मेल करते हैं तब भी वह एक तरह से पत्र माना जाता है क्योंकि पत्र का डिजिटल रूप ही ईमेल कहलाता है जो कि इंटरनेट के माध्यम से संपन्न हो पाता है।

हमने पत्र के बारे में काफी ज्यादा विस्तार से बात कर ली है अब हम पत्र के प्रकार के बारे में जानने की कोशिश करेंगे जिससे कि आपका भी ज्यादा समय व्यर्थ ना जाए और आपको पत्र के बारे में सभी चीजें समझ में आ सके तो चलिए शुरू करते हैं।

Patra Kitne Prakar Ke Hote Hai (पत्र कितने प्रकार के होते है।)

पत्र दो प्रकार के होते हैं एक औपचारिक पत्र (Formal Letter और दूसरा अनौपचारिक पत्र ( Informal Letter) जिनके अपनी उपयोगिता के आधार पर उपयोग में लाया जाता है।

1) औपचारिक पत्र (Formal Letter)

औपचारिक पत्र अपनी बात को लिखित रूप में कहने का सही माध्यम है जहा औपचारिक पत्र किसी सरकारी दफ्तर, बड़े सरकारी अधिकारी या किसी अन्य संस्थान में लिखने के लिए उपयोग में लाया जाता है।

सरकारी विभागों में अपनी बात को स्पष्ट रूप में कहने के लिए ही आप औपचारिक पत्र को लिखते है स्कूल में किसी कारण को प्रकट करने के लिए जो पत्र लिखा जाता है वह औपचारिक पत्र का उदाहरण है।

आपने भी कभी न कभी अपने स्कूल में औपचारिक पत्र को लिख कर अपनी बात को प्रिंसिपल तक पहुंचाया होगा इसी तरह से औपचारिक पत्र लिखा जाता है जहा औपचारिक पत्र लिखने की जरूरत कभी कभी ही पढ़ती है। यह जानकारी आपको होना जरूरी है।

2) अनौपचारिक पत्र (Informal Letter)

सामान्य व्यक्तियों से बात करने के लिए जिस पत्र का उपयोग जाता है उसे अनौपचारिक पत्र कहा जाता है जहा आपको अपनी बात एक दम सीधे कहने की आजादी होती है इसका कोई फॉर्मेट नही होता ।

इस तरह के पत्र का उपयोग दोस्तो से बात करने के लिए,प्रेमिका को अपनी बात कहने के लिए, रिश्तेदारों तक कोई बात कहने के लिए उपयोग में लाया जाता है।

यानी की जिस पत्र में किसी भी तरह की कोई फॉर्मलिटी ना हो उस पत्र को अनौपचारिक पत्र कहा जाता है और इसे ही चिट्ठी कहा जाता है। कोई भी व्यक्ति इसका उपयोग कर सकते है।

पत्र लिखने का सही तरीका क्या है ?

दोनों पत्रों को लिखने का अलग अलग तरीका होता है क्योंकि इस प्रकार है और दोनों पत्रों को लिखते समय आपको नीचे बताई हुई बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए कभी आप सही तरह से दोनों पत्रों को लिख सकते हैं।

औपचारिक पत्र को लिखने का तरीका

औपचारिक पत्र को लिखने के लिए आपको शुरुआत में किसी व्यक्ति या संस्था को आप लिख रहे हैं उसे आदर के साथ लिखना होता है जैसे कि आप किसी व्यक्ति का नाम लिख रहे हैं तब उसे इस तरह से लिख सकते हैं

शुरुवात ने आपको श्री मान____ से या फिर माननीय _____ महोदय से शुरुवात करना होता है। उसके बाद आप संस्था का नाम दूसरी लाइन में लिख सकते है।

इसके अलावा बीच में आपको अपनी बात कहना होता है और उसके बाद जब आप पूरा पत्र लिख लेते है आखिर में आपको एक तरफ दिनांक और दूसरी तरफ आपका नाम लिखना होता है।

नीचे मेने उदाहरण के द्वारा एक इमेज के माध्यम से आपको समझाया है आप वहा से समझ सकते है।

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अनौपचारिक पत्र लिखने का तरीका

इस तरह के पत्र को लिखने के लिए आपको किसी भी तरह का कोई खास तरीका नहीं अपनाना होता है बस आप पत्र में अपनी बात कह सकते हैं और अपनी बात को आखिरी में खत्म कर सकते हैं क्योंकि आप यह पत्र सामान्य तौर पर अपने परिचित व्यक्तियों को ही लिखते हैं जहां आपको किसी भी तरह की कोई फॉर्मेलिटी निभानी नहीं पड़ती

आपको इस तरह के पत्र में अपना नाम ,सामने व्यक्ति जिसे पत्र भेजना है का पता ,दिनांक के साथ साथ अपनी बात शुरू करने से पहले विषय लिखना पड़ता है। इसके अलावा और कोई अन्य खास बात इस पत्र में अपनी ध्यान में रखने की जरूरत नहीं होती है।

इसके अलावा आप कुछ और चीजें अतिरिक्त इस तरह के पत्र में लिखना चाहते हैं तो वह भी सीधे रूप में आप लिख सकते हैं इस पत्र को लिखते समय आपको यह ध्यान रखना है कि जिस भी व्यक्ति को आप पत्र लिख रहे हैं उस व्यक्ति के पास जब आपका पत्र जाए और वह पड़े तो उसे आपके द्वारा लिखी गई बात पूरी तरह से समझ आ पाए

क्योंकि बहुत सारे व्यक्तियों के द्वारा इस तरह के पत्र भी लिखे जाते हैं जो समझ से परे होते हैं यदि आप पत्र में अपनी बात को अच्छी तरह से नहीं लिखते हैं तब यकीन मानिए सामने वाले व्यक्ति आपको जवाब अच्छी तरह से नहीं दे सकते इस बात का आप जरूर ध्यान रखें।

अंतिम शब्द

आज आपको मैंने इस पोस्ट के माध्यम से पत्र कितने प्रकार के होते हैं के बारे में जानकारी दी है और मुझे उम्मीद है आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी काफी पसंद आई होगी

यदि आपका हमारे इस पोस्ट से संबंधित किसी भी तरह का कोई सवाल है या फिर सुझाव है तब आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से कमेंट करके बता सकते हैं जहां हम आपके सभी कमेंट के जवाब अगले दिन प्रकाशित कर देंगे

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